वाराणसी। वाराणसी में गंगा के किनारे एक नया घाट नमो घाट बना है, जो अपने आप में तमाम खूबियां लिए है। शायद यह देश का पहला नदी के किनारे बना  घाट है जो जल, नभ एवं थल से जुड़ा है। यह घाट प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में था, इसलिए इसका निर्माण अति आकर्षक एवं  विशाल क्षेत्र में किया गया है, जहाँ हेलीकाप्टर लैंड कराया जा सकता है। नमो घाट पर ही नावों में भरने के लिए सी एन जी प्लांट लगाया गया है।
    इस मशहूर घाट की उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है, अक्टूबर माह में पांचवी  छोटी पानी की जहाज( क्रूज )कैटामरीन का ट्रायल नमो घाट (वाराणसी) से रामनगर फ़ोर्ट तक किया जायेगा। वाराणसी में पहले से ही भगीरथ, विवेकानंद, मानेकशा और अलखनन्दा क्रूज संचालित हो रहे हैं। पांचवी क्रूज  कैटमरीन ट्रायल के उपरांत दो दिन वाराणसी से कैथी मारकंडे महादेव एवं दो दिन वाराणसी से चुनार फ़ोर्ट (मिर्जापुर )तक संचालित किया जायेगा। कैटामरीन का ट्रायल सफल रहा तो जनवरी, 2025 में प्रयागराज में लगने वाले महाकुम्भ में वाराणसी से प्रयागराज तक इसके संचालन पर विचार किया जायेगा।
कैटामरीन क्रूज आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए क्रूज में ऑडो विजु अल एवं अनाउंसमेंट सिस्टम होगा,  जिसके माध्यम से काशी के महात्म के साथ - साथ प्रत्येक घाटों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।